Unani Medical College in Patna: बिहार में नई सरकार बनते ही CM नीतीश कुमार एक्शन मोड में आ गए हैं। सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा फैसला लिया है। राजधानी पटना में नया यूनानी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसका मकसद है कि बिहार के मरीजों को इलाज के लिए अब राज्य से बाहर न जाना पड़े।
यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि हाल के वर्षों में बिहार में यूनानी चिकित्सा की मांग तेजी से बढ़ी है। लोगों का रुझान आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी पद्धति की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में राज्य सरकार इस सेक्टर को आधुनिक सुविधाओं के साथ विस्तार देना चाहती है, इसलिए यह कदम उठाया गया है।
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पटना में पहले से है तिब्बी यूनानी मेडिकल कॉलेज
फिलहाल राजधानी में तिब्बी मेडिकल कॉलेज के नाम से एक यूनानी कॉलेज संचालित होता है, जहां BUHS और यूनानी से जुड़े अन्य कोर्स की पढ़ाई कराई जाती है। लेकिन सीटें कम होने और सुविधाओं की कमी के कारण कई छात्रों को बाहर जाना पड़ता है।
नए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बनने के बाद ज्यादा छात्रों को अवसर मिलेगा और मरीजों को भी इलाज के लिए बड़े विकल्प मिलेंगे।
दो साल में तैयार करने का लक्ष्य
जानकारी के अनुसार, सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि नए कॉलेज और अस्पताल का निर्माण दो वर्षों के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। भवन को अत्याधुनिक तकनीक और मॉडर्न मेडिकल सुविधाओं के साथ तैयार किया जाएगा। यहां छात्रों के लिए डिजिटल लैब, आधुनिक लाइब्रेरी, हर्बल गार्डन, रिसर्च सेंटर और हाईटेक ट्रेनिंग सिस्टम उपलब्ध कराया जाएगा।
यूनानी डॉक्टरों की ट्रेनिंग होगी आसान
नया कॉलेज खुलने के बाद यूनानी डॉक्टरों की ट्रेनिंग को भी मजबूती मिलेगी। सरकार की योजना है कि यूनानी पद्धति को पूरी तरह वैज्ञानिक तरीके से विकसित किया जाए और बिहार को इस क्षेत्र में अग्रणी बनाया जाए।
स्वास्थ्य सुधार की बड़ी योजना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही यह घोषणा कर चुके हैं कि बिहार के लगभग सभी जिलों में नए अस्पताल और मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। आयुर्वेदिक कॉलेजों में भी हर सुविधा को अपग्रेड किया जा रहा है, ताकि बिहार में मल्टी-स्ट्रीम मेडिकल एजुकेशन का मजबूत नेटवर्क तैयार हो सके।

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